JM Financial Product Limited : RBI द्वारा Paytm के बाद अब JM Financial Product Limited पर बड़ा एक्शन लिया गया हैं। सेंट्रल बैंक द्वारा प्रेस नोट में बताया गया हैं की इस कंपनी ने उधार ली गयी धनराशि का उपयोग करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न IPO और NCD में बोली लगाने के लिए मदद की। जिस कारण सेंट्रल बैंक ने तत्काल प्रभाव से JMFPL को शेयर और डिबेंचर के विरुद्ध काम बंद करने का निर्देश जारी कर दिया हैं।
हाइलाइट्स
- RBI द्वारा Paytm के बाद अब JM Financial Product Limited पर बड़ा एक्शन।
- JM Financial Product Limited पर नियमों का दुरूपयोग करने का आरोप।
- JMFPL को तत्काल प्रभाव से शेयर और डिबेंचर के विरुद्ध काम बंद करने का निर्देश जारी।
आरबीआई ने क्या कहा ?
5 मार्च 2024 को आरबीआई ने प्रेसनोट जारी करते हुए कहा की भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड ( जेएमएफपीएल या कंपनी ) को तत्काल प्रभाव से किसी भी प्रकार के शेयरों और डिबेंचर के विरुद्ध फाइनेंसियल काम बंद करने साथ ही निरस्त करने का निर्देश देती हैं।
जिसमे शेयरों की IPO के साथ-साथ डिबेंचर की सदस्यता के विरुद्ध ऋण की मंजूरी और वितरण भी शामिल हैं। हालाँकि, कंपनी सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रिया के माध्यम से अपने मौजूदा लोन एकाउंट्स की सेवा जारी रखेगी।
JM Financial Product Limited पर ऐसी कारवाई क्यों हुई ?
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपने प्रेस नोट में बताया की इस कंपनी द्वारा IPO फाइनेंसिंग और NCD के सदस्यता के लिए लोन स्वीकृत करने के समय गंभीर कमियाँ देखी गयी हैं। सीबी ( SEBI ) के द्वारा इस कंपनी के बेसिक इनफार्मेशन का किताब RBI को साझा किया गया था जिसका अध्यन किए जाने के बाद यह कठोर निर्णय लिया गया हैं।
इस समीक्षा के दौरान, अन्य बातों के अलावा, यह भी देखा गया की कंपनी द्वारा उधार ली गयी धनराशि का उपयोग करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभन्न आईपीओ और एनसीडी पेशकशों के लिए बोली लगाने में बार-बार मदद की गयी। क्रेडिट हमादारी भी अव्यवस्थित पायी गयी और फाइनेंस भी अल्प मार्जिन पर किया गया था।
इस कंपनी के सदस्यता के लिए आवेदन, डीमैट अकाउंट, बैंक खाते, सभी को कंपनी द्वारा पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी ( POA ) और इसके संचालन में ग्राहकों के भागीदारी के बिना इनसे प्राप्त मास्टर एग्रीमेंट का उपयोग करके संचालित किया गया था। नतीजन, यह कंपनी ऋणदाता और उधारकर्ता दोनों रूप में बिना किसी के बाहरी समीक्षा के प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम थी।
कंपनी ने पीओए का उपयोग करते हुए बैंक खाता खोलने की वव्यस्था करने के साथ-साथ उक्त बैंक खातों के संचालन के रूप में भी काम किया। दिशानिर्देशों के उल्लंघन के अलावा, कंपनी में गवर्नेंस के मुद्दों पर भी गंभीर चिंताएं हैं जिसके कारण RBI ने कहा की इस आकलन के अनुसार यह ग्राहकों के हित के लिए हानिकारक हैं।
NCD क्या हैं : नॉन कन्वर्टबल डिबेंचर जिसमे इन्वेस्टर्स द्वारा एक फिक्स दर पर फिक्स समय के लिए इसमें निवेश किया जाता हैं और यह हाई रेटेड कंपनियों द्वारा जारी किया जाता हैं यूँ कहे तो आप इस पैसे को आप शेयर और इक्विटी में कन्वर्ट नहीं कर सकते हैं।
JM Financial Product Limited पर यह प्रतिबंध कब हटेंगे ?
सेंट्रल बैंक द्वारा यह बताया गया की लगाए गए प्रतिबंधों की समीक्षा आरबीआई द्वारा शुरू किया गए हैं और विशेष ऑडिट के पूरा होने के बाद कंपनी को रिपोर्ट सौपेगी जिसके बाद JMFPL द्वारा इस पुरे कमियों को दूर किया जाएगा और उसके बाद सेंट्रल बैंक फिर से समीक्षा करेगी जिसमे संतुष्टि पायी पायी गयी तो आगे इस पर प्रतिबंधों को हटाने की बात होगी। आरबीआई ने आगे कहा की यह प्रतिबंध दूसरे रेगुलेटरी या सुपरवाइजरी एक्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना हैं।
सारांश
- RBI ने JM Financial Product Limited को शेयर और डिबेंचर के विरुद्ध काम बंद करने का निर्देश दिया।
- SEBI द्वारा दिए गए बुक के अध्यन के बाद यह निर्णय लिया गया
- कंपनी के कुछ ग्राहकों को नियम की अनदेखी कर मदद की।
- रोके गए काम-काज को फिर से संचालित करने के लिए RBI द्वारा विशेष ऑडिट के संतुष्टि के बाद की जाएगी
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